मिलिए इस धनकुबेर से, सात साल में 175 गुना से ज्यादा बढ़ी संपत्ति
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आनन्द कुमार की फ़ाइल फोटो :साभार |
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयकर विभाग आकृति होटल्स प्राइवेट लिमिटेड पहले शक के दायरे में आई. आनंद कुमार की इस होटल में डिबेन्चर शेयर्स के जरिए हिस्सेदारी है. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के आंकड़ों के मुताबिक, आकृति होटल्स दिल्ली की एक कंपनी है. इस कंपनी के तीन डायरेक्टर और 37 इक्विटी शेयरहोल्डर्स हैं. आकृति होटल्स की कई शेयरहोल्डर कंपनियों का वजूद सिर्फ कागजों पर है.
आकृति होटल्स में कई कंपनियों-भास्कर फंड मैनेजमेंट लिमिटेड, क्लिफ्टन पियरसन एक्सपोर्ट एंड एजेंसीज, डेल्टन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, गंगा बिल्डर्स लिमिटेड की हिस्सेदारी है. इनके पास कुल 5,00,150 शेयर हैं. ये सभी कंपनियां कोलकाता के महेशताला स्थित एक ही बिल्डिंग से ऑपरेट करती हैं. तीनों के डायरेक्टर भी एक हैं. जांच के दौरान अफसरों ने पाया कि इस लोकेशन पर ऐसा कोई ऑफिस नहीं है.
आकृति होटल्स के अन्य शेयरहोल्डर्स मसलन-नॉवल्टी ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड और हरिबोल मार्केट गुवाहाटी के तौर तरीकों में भी यही तरीका अपनाया गया है. मौके पर जाने पर पता चला कि बताए गए पते पर कोई कंपनी मौजूद नहीं थी. नॉवल्टी ट्रेडर्स के आकृति होटल्स में 27 हजार शेयर हैं. अभी तक की पड़ताल में पाया गया है कि ये सारी कंपनियां न केवल कागजों पर ही मौजूद हैं, बल्कि पैसों के लेनदेन को लेकर इनका तौर-तरीका एक सा है.
एक अफसर के मुताबिक इन खुलासों के आधार पर एजेंसियां इन कागजी कंपनियों और इनकी डील्स की जांच कर रही हैं. हाल ही में आनंद कुमार उस वक्त खबरों में आ गए थे, जब ईडी ने मायावती के भाई के अकाउंट में 1.43 करोड़ और बीएसपी से जुड़े एक खाते में 104 करोड़ रुपये जमा होने का पता लगाया था. रिपोर्ट के मुताबिक, ये पैसे 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद खातों में जमा किए गए. बसपा प्रमुख ने इस खुलासे के बाद मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए थे.
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