अब इस इस्लामिक देश ने पाक को कठघरे में खड़ा किया, 39 हजार को वापस भेजा
कहा गया है कि डिपॉर्ट करने के पीछे वीजा नियमों के उल्लंघन प्रमुख कारण है. यह पूरी कार्रवाई बीते चार महीनों में की गई है. सऊदी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों की 'अच्छी तरह से जांच किए जाने' का भी निर्देश जारी किया गया है. आशंका है कि सऊदी में रहने वाले कुछ पाकिस्तानी इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़े हो सकते हैं या फिर हो सकता है कि वे इस आतंकी संगठन से सहानुभूति रखते हों.
मंगलवार को जारी सऊदी गजेट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार महीनों में आवास और काम से जुड़े वीजा नियमों के उल्लंघन को कारण बताकर लगभग 39 हजार पाकिस्तानियों को वापस उनके देश भेजा गया है. यह रिपोर्ट सुरक्षा अधिकारियों से मिली जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है.
मंगलवार को जारी सऊदी गजेट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार महीनों में आवास और काम से जुड़े वीजा नियमों के उल्लंघन को कारण बताकर लगभग 39 हजार पाकिस्तानियों को वापस उनके देश भेजा गया है. यह रिपोर्ट सुरक्षा अधिकारियों से मिली जानकारियों के आधार पर तैयार की गई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ पाकिस्तानी नागरिक आतंकी संगठन आईएस की गतिविधियों में शामिल थे और यह सऊदी के लिए चिंता की बात है. इसके अलावा, कई पाकिस्तानी नागरिकों को ड्रग तस्करी, चोरी, धोखाधड़ी और मारपीट जैसे आरोपों में भी पकड़ा गया.
इन सभी घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए शाउरा काउंसिल की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल-सादों ने आदेश दिया कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को सऊदी में काम दिए जाने से पहले उसकी ठीक तरह से जांच की जाए.
अब्दुल्ला ने संबंधित विभागों को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ भी संपर्क स्थापित करने का भी आदेश दिया है. इससे सऊदी में नौकरी के लिए आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल की जा सकेगी.
अब्दुल्ला ने संबंधित विभागों को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ भी संपर्क स्थापित करने का भी आदेश दिया है. इससे सऊदी में नौकरी के लिए आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल की जा सकेगी.
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पाकिस्तान से जो भी सऊदी में नौकरी के लिए आता है, उसके राजनैतिक और धार्मिक रुझान के बारे में दोनों पक्षों को पूरी जानकारी होनी चाहिए. निर्देश दिया गया है कि जब तक ये प्रक्रियाएं पूरी न हों, तब तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को सऊदी में नौकरी पर ना रखा जाए. अब्दुल्ला ने कहा, 'अफगानिस्तान के करीब होने के कारण पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद से जूझ रहा है.
तालिबान कट्टरपंथ पाकिस्तान में ही पैदा हुआ था. ऐसे में जरूरी है कि सऊदी आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पूरी जानकारी हमारे पास हो.'
सऊदी आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 82 पाकिस्तानी नागरिक आतंकवाद और सुरक्षा संबंधी मामलों में संदिग्ध हैं. उन्हें फिलहाल खुफिया विभाग की जेलों में कैद कर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में अल-हराज़ात और अल-नसीम जिलों में हुए आतंकी वारदातों के सिलसिले में करीब 15 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं.
आतंरिक मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल रमजान के दौरान पाकिस्तान के रहने वाले अब्दुल्ला गुलज़ार खान ने जेद्दाह स्थित अमेरिकी दूतावास के पास डॉक्टर सोलिमान फाखिह अस्पताल के नजदीक एक कार पार्किंग में खुद को उड़ा दिया था. वह पिछले 12 सालों से सऊदी में रह रहा था. 2016 में ही सऊदी सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी हमले के प्रयास को नाकाम कर दिया था. इस घटना के सिलसिले में दो पाकिस्तानी, एक सीरियनऔर एक सूडान के नागरिक को गिरफ्तार किया गया. ये सभी मिलकर जेद्दाह के अल-जवाहरा स्टेडियम में बम धमाका करने की योजना बना रहे थे. इस स्टेडियम में सऊदी और संयुक्त अरब अमीरात के बीच फुटबॉल मैच होना था, जिसे देखने 60 हजार से अधिक लोग पहुंचने वाले थे.
सऊदी आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 82 पाकिस्तानी नागरिक आतंकवाद और सुरक्षा संबंधी मामलों में संदिग्ध हैं. उन्हें फिलहाल खुफिया विभाग की जेलों में कैद कर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में अल-हराज़ात और अल-नसीम जिलों में हुए आतंकी वारदातों के सिलसिले में करीब 15 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं.
आतंरिक मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल रमजान के दौरान पाकिस्तान के रहने वाले अब्दुल्ला गुलज़ार खान ने जेद्दाह स्थित अमेरिकी दूतावास के पास डॉक्टर सोलिमान फाखिह अस्पताल के नजदीक एक कार पार्किंग में खुद को उड़ा दिया था. वह पिछले 12 सालों से सऊदी में रह रहा था. 2016 में ही सऊदी सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी हमले के प्रयास को नाकाम कर दिया था. इस घटना के सिलसिले में दो पाकिस्तानी, एक सीरियनऔर एक सूडान के नागरिक को गिरफ्तार किया गया. ये सभी मिलकर जेद्दाह के अल-जवाहरा स्टेडियम में बम धमाका करने की योजना बना रहे थे. इस स्टेडियम में सऊदी और संयुक्त अरब अमीरात के बीच फुटबॉल मैच होना था, जिसे देखने 60 हजार से अधिक लोग पहुंचने वाले थे.
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