...और भूकंप आ ही गया, संसद में पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में मंगलवार को कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर भूकंप आ ही गया. इसके साथ ही पीएम ने कांग्रेस नेता खड़गे के उस बयान का भी जिक्र किया कि देश में लोकतंत्र को कांग्रेस ने बचाकर रखा है. 
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद देने के लिए खड़ा हूं, मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. इस चर्चा में कई महानुभावों ने चर्चा को प्राणवान बनाया. मैं चर्चा में शरीक होने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं. 
पीएम बोले- कल भूकंप आ ही गया. आखिर भूकंप आ ही गया. मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे? क्योंकि धमकी तो बहुत पहले सुनी थी. कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गईं? मैं सोच रहा था जब कोई स्कैम में भी सेवा का भाव देखता है, नम्रता का भाव देखता है, सिर्फ मां ही नहीं धरती मां भी दुखी हो जाती है. तब जाकर भूकंप आता है.
बहुत आभार आप ने पीएम बनाया
कोई भी व्यवस्था हो लोकतांत्रिक हो चाहे कुछ भी, जनशक्ति का मिजाज कुछ और ही होता है. खड़गे कह रहे थे कि कांग्रेस की कृपा है कि आप पीएम बन पाए. वाह क्या शेर सुनाया, बहुत बड़ी कृपा की. आपने लोकतंत्र बचाया, लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को देश भलिभांति जानता है. 
पूरा लोकतंत्र एक परिवार को आहूत कर दिया गया है. 75 के कालखंड में देश पर आपातकाल थोप दिया गया था. लाखों को जेल की सलाखों में बंद कर दिया गया था. अखबारों पर ताले लगा दिए गए थे. उन्हें अंदाज नहीं था कि जनशक्ति क्या होती है. उसी लोकतंत्र और जनशक्ति की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी इस देश का पीएम बन सकता है.
कांग्रेस के जन्म से पहले देश ने लड़ी आजादी की जंग
पीएम यहीं नहीं रुके-बोले, हम कुत्तों वाली परंपरा में नहीं पले-बढ़े. जब कांग्रेस पार्टी का जन्म भी नहीं हुआ था, 1857 का संग्राम, इस देश के लोगों ने जान की बाजी लगाकर लड़ा था. सबने मिलकर लड़ा था. संप्रदाय की भेद रेखा नहीं थी, तब भी कमल था, आज भी कमल है.
अपार जनशक्ति, देश ने दर्शन किए हैं, लाल बहादुर शास्त्री जी, उनकी एक अपनी गरिमा था. युद्ध के दिन थे, हर हिंदुस्तानी के दिल में भारत विजय भाव से भरा हुआ माहौल था. उस वक्त जब शास्त्री जी ने कहा था- देश ने अन्न त्याग की पहल की थी. आज ज्यादातर राज्य, केंद्र सरकारों ने जन सामर्थ को करीब-करीब पहचानना छोड़ दिया है. 
हमने लोगों को जोड़ा
उन्होंने कहा कि अब तक जितनी सरकारें आईं, अब तक जितने पीएम आए, कुछ न कुछ योगदान दिया. पर उनको लगता है कि आजादी सिर्फ एक परिवार ने दिलाई, समस्या की जड़ वहां है. हम देश को पूर्णता में स्वीकार करें. इसलिए जनशक्ति को जोड़कर. कोई इंसान, कोई मंत्र नहीं होता है जो कुछ कर न सके. इस सरकार ने हर शक्ति को संवार कर जोड़ने का प्रयास किया है.
क्या कभी संसद में स्वच्छता विषय पर चर्चा भी हुई है. पहली बार ये सरकार आने के बाद, क्या स्वच्छता को भी राजनीतिक एजेंडा बनाएंगे? आपके इलाके में, कोई भी गंदगी नहीं चाहता है. क्या हम एक स्वर में इस गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए आगे नहीं बढ़ सकते.
भारत एक कृषि प्रधान देश है. पूरा कारोबार कृषि पर है. दिवाली तक पता चल जाता है. अंग्रेज छोड़कर आए हैं, वही परंपरा आगे लेकर चल रहे हैं. मई तक बजट का पालन होता है, फिर तीन महीना बारिश होता है, कोई काम नहीं होता है. फिर दिसंबर से काम होता है और मार्च तक सिर्फ बिल कटते थे. आखिर क्या कारण था कि बजट 5 बजे आता था? किसी ने नहीं सोचा था. किसी ने नहीं सोचा, वहां यूके में 11 बजे यहां शाम के पांच बजे होता है. 
खुश करने के लिए बनते थे रेल बजट
रेलवे के संबंध में बजट में विस्तार से चर्चा होगी. कभी रेलवे ही परिवहन की धारा था. आज रेलवे के अलावा और कई परिवहन आगे आ गए. हम इसे कम्प्रेहेंसिव लाना चाहते थे. पहले बजट में हमने बताया था कि रेलवे को लेकर 1500 घोषणाएं हुई थीं, खुश करने के लिए रेलवे बजट बनाए जाते थे. ये ऐसी चीजें थी जिनका कागज पर ही मोक्ष हो गया था. हम जानते हैं कि इसका राजनीतिक दृश्य से नुकसान होता है, मुझे ऐसी गाड़ी नहीं चलानी है. मुझे फैसले लेने है, अच्छे फैसले लेने हैं.
हम चर्चा चाहते थे, वे टीवी पर बाईट दे रहे थे
पहले दिन से सरकार कह रही थी कि नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं पर आपको लग रहा था कि टीवी पर कतार, मोदी इसका फायदा उठा ले जाएगा. उस वक्त केवल टीवी बाइट देने में मजा आता था. कितना बड़ा बदलाव आया है. जो बारीकी से चीजों का अध्ययन करते हैं, उनका ध्यान जाए. 2014 के पहले का वक्त देख लीजिए, वहां से आवाज उठती थी, कोयले में कितना खाया, टू-जी में कितना गया, जल, वायु करप्शन में कितना गया, कितने लाख, कितने करोड़ गए. अब वहां से आवाज आती है कि मोदी जी कितना लाए, कितना लाए. ये मेरे लिए खुशी की खबर है. यही तो सही कदम है, ये मेरे लिए संतोष की बात है. इससे बड़ा जिंदगी में संतोष क्या है.
जैसी उम्मीद थी वही हुआ. 
...और भूकंप आ ही गया 
मोदी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के उद्देश्य से जैसे ही राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बोले- आखिरकार भूकंप आ ही गया. मोदी का कटाक्ष सुनते ही कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बीच-बराव करवाया और कांग्रेसी नेता खड़गे से कहा कि कल आपने भी अच्छा भाषण दिया था. आपको बता दें कि सोमवार को कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने लोकसभा में नोटबंदी और बजट को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था.

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