नाभा जेल से पहले फरार, फिर गिरफ्तार आतंकी सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू से जुड़े कुछ तथ्य
पंजाब के नाभा जेल से रविवार को ताबड़तोड़ फायरिंग के बाद फरार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का खूंखार आतंकी सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू अंततः दिल्ली से पकड़ लिया गया. कौन है यह आतंकी मिंटू ? क्या हैं इस पर आरोप? क्या है इसका आपराधिक इतिहास ? सारी जानकारियां बिन्दुवार जानें.
-पंजाब पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट से नवम्बर, 2014 में हुई थी गिरफ़्तारी. थाईलैंड से आ रहा था खालिस्तानी चीफ. कम से कम 10 आतंकी वारदातों में शामिल होने का आरोप था.
-2008 में डेरा सच्चा सौदा गुरमीत राम रहीम सिंह पर हमला और 2010 में लुधियाना के पास हलवारा एयरफोर्स स्टेशन के पास विस्फोटकों की बरामदगी के मामले में हरमिंदर सिंह मिंटू शामिल बताया जाता है। पंजाब में शिवसेना के तीन नेताओं की हत्या की साजिश रचने के केस में भी वह वांछित था।
-खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मेंबर बनने से पहले 49 साल का हरमिंदर सिंह मिंटू, आतंकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य था, जिसका लीडर वाधवा सिंह था। बाद में बब्बर खालसा से अलग हुए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का वह चीफ बन गया।
-मिंटू का पाकिस्तान के आईएसआई से रहा है संबंध. भारत की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की देखरेख में ट्रेनिंग ले चुका है. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसे पाकिस्तान से फंडिंग भी मिल. वह कई बार पाकिस्तान जा चुका है।
-आईएसआई के पैसों पर ही हरमिंदर 2010 और 2013 में यूरोप गया। वहां इटली, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और दूसरे देशों में उसने वैसे लोगों से संपर्क साधा जो भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए सहयोग दे सकते थे।
-2014 में जब उसे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया तब वह मलेशिया के नकली पासपोर्ट पर सफर कर रहा था। पासपोर्ट में उसका नाम गुरदीप सिंह था।
-दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में फैला है हरमिंदर का नेटवर्क. बताया जाता है कि यूरोप ही नहीं, दक्षिण पूर्व एशिया के देश, कंबोडिया, लाओस, म्यानमार और थाइलैंड में उसने अच्छा-खासा जाल फैला रखा है। थाइलैंड से यह आतंकी अपने ऑपरेशन को अंजाम देता था।
आतंकी सरगना मिंटू / फोटो साभार |
-पंजाब पुलिस ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट से नवम्बर, 2014 में हुई थी गिरफ़्तारी. थाईलैंड से आ रहा था खालिस्तानी चीफ. कम से कम 10 आतंकी वारदातों में शामिल होने का आरोप था.
-2008 में डेरा सच्चा सौदा गुरमीत राम रहीम सिंह पर हमला और 2010 में लुधियाना के पास हलवारा एयरफोर्स स्टेशन के पास विस्फोटकों की बरामदगी के मामले में हरमिंदर सिंह मिंटू शामिल बताया जाता है। पंजाब में शिवसेना के तीन नेताओं की हत्या की साजिश रचने के केस में भी वह वांछित था।
-खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मेंबर बनने से पहले 49 साल का हरमिंदर सिंह मिंटू, आतंकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य था, जिसका लीडर वाधवा सिंह था। बाद में बब्बर खालसा से अलग हुए खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का वह चीफ बन गया।
-मिंटू का पाकिस्तान के आईएसआई से रहा है संबंध. भारत की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की देखरेख में ट्रेनिंग ले चुका है. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उसे पाकिस्तान से फंडिंग भी मिल. वह कई बार पाकिस्तान जा चुका है।
-आईएसआई के पैसों पर ही हरमिंदर 2010 और 2013 में यूरोप गया। वहां इटली, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और दूसरे देशों में उसने वैसे लोगों से संपर्क साधा जो भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए सहयोग दे सकते थे।
-2014 में जब उसे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया तब वह मलेशिया के नकली पासपोर्ट पर सफर कर रहा था। पासपोर्ट में उसका नाम गुरदीप सिंह था।
-दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में फैला है हरमिंदर का नेटवर्क. बताया जाता है कि यूरोप ही नहीं, दक्षिण पूर्व एशिया के देश, कंबोडिया, लाओस, म्यानमार और थाइलैंड में उसने अच्छा-खासा जाल फैला रखा है। थाइलैंड से यह आतंकी अपने ऑपरेशन को अंजाम देता था।
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