नोटबंदी पर भारत बंद और उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
भारत बंद का प्रतीकात्मक फोटो-साभार |
1-कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वे बंद के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. कांग्रेस ने इसे 'जन आक्रोश दिवस' के रूप में मनाने की बात की है.
2-तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के विरोध में कोलकाता में दोपहर मार्च निकाला, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की.
3-बंगाल में बंद को उचित ठहराते हुए वाम नेता विमान बोस ने कहा कि नोटबंदी के कारण लोग परेशानी हो रही है. विरोध जताने के लिए बंद का आह्वान जरूरी था.
4-बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होगी, क्योंकि नीतीश ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का समर्थन किया है. ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) भी विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लेगा. पार्टी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है.
5-रविवार को यूपी के कुशीनगर में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि हम भ्रष्टाचार और कालाधन बंद करने में लगे हैं और कुछ लोग भारत बंद करने में लगे हैं.
6-कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि उसने सोमवार को 'भारत बंद' का आह्वान नहीं किया है, लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. पार्टी नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला राजनीतिक कदम है, जिसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रूप में भुनाया जा रहा है.
7-केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह साफ है कि कांग्रेस का तथाकथित आक्रोश वास्तविक नहीं है, क्योंकि उसे नोटबंदी के मुद्दे पर गुस्सा होने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों के नब्ज से कट गई है और वह ऐसे झूठे प्रदर्शन के लिए और भारी कीमत चुकाएगी.
8-केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, यह स्पष्ट है कि देश एकजुट है और नोटबंदी पर हमारे साथ है. महज कुछ ही दल हैं, जिन्होंने भारत बंद का समर्थन किया है. पहले जो आवाज उठा भी रहे थे वो अब डर से पीछे पलट रहे हैं.
9-पिछले सप्ताह विपक्ष ने संसद में नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते पूरे हफ्ते कार्यवाही बाधित रखी. लोकसभा में विपक्ष ने बहस के साथ वोटिंग की मांग भी रखी. लेकिन सरकार ने उनकी सारी मांगें ठुकरा दी. विपक्ष का कहना है कि कालेधन को बाहर निकालने के लिए नोटबंदी के फैसले का वे समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार ने बिना तैयारी के यह कदम उठाया, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानी हो रही है.
10-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर की रात को नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद से लोग गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे हैं. बैंकों और एटीएम के बाहर लगातार लंबी कतारें देखी जा रही हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि आम जनता के बहुत बड़े तबके ने नोटबंदी के फैसले का भरपूर स्वागत किया है.
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