इस बार बिहार की बक्सर जेल से भागे पांच खूंखार कैदी
बक्सर जेल:प्रतीकात्मक फोटो |
पहले भोपाल जेल, फिर नाभा और अब बक्सर. बीते लगभग दो महीनों में तीन जेल की सीमा फांद गए कैदी. बक्सर जिले के सेंट्रल जेल से शुक्रवार की रात पांच खतरनाक और हार्डकोर सजायाफ्ता कैदी फरार हो गये हैं. पुलिस ने जिले में हाइ अलर्ट जारी कर दिया है. पुलिस इन सभी कैदियों की तलाश में जुटी है. कैदियों के भागने से ठीक 24 घंटे पहले बक्सर प्रशासन ने जेल में छापेमारी की थी और एक-एक वार्डों की तलाशी ली गयी थी. लेकिन छापेमारी के 24 घंटे के अंदर ही पांच खतरनाक कैदियों के भाग जाने से जिला प्रशासन की नींद उड़ गयी है.
फरार कैदियों में मोतिहारी के रहने वाले प्रदीप सिंह नाम का एक कैदी शामिल है जिसको फांसी की सजा मिली हुई है. इतना ही नहीं उसकी दया याचिका राष्ट्रपति भवन में लंबित है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाकी चार कैदी भी काफी खतरनाक और दुर्दांत हैं. वे सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. जिनमें छपरा निवासी देवधारी राय, बक्सर का सोनू सिंह और आरा निवासी सोनू पांडे और उपेंद्र शाह शामिल है.
जेल प्रशासन की मानें तो पांचों कैदी खतरनाक हैं. उनका बाहर रहना प्रशासन के लिये बहुत बड़ा खतरा है. इन पांचों कैदियों को उपचार के लिये जेल के चिकित्सा वार्ड में रखा गया था. शुक्रवार की रात यह शौचालय की खिड़की को तोड़कर भागने में कामयाब हो गये. कैदियों ने खिड़की तोड़ने के लिये लोहे के रड का इस्तेमाल किया. साथ ही दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले कपड़ों को एक दूसरे से जोड़कर जेल की चाहरदिवारी फांद कर भाग गये हैं. पुलिस सभी कैदियों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
जेल प्रशासन को कैदियों के भागने से ठीक 24 घंटे पहले कुछ आपत्तिजनक इनपुट मिले थे. जिसके बाद जिलाधिकारी रमण कुमार के आदेश पर बक्सर सेंट्रल जेल में पुलिस ने गुरुवार को जेल में छापेमारी की. अचानक हुई छापेमारी से जेल प्रशासन और बंदियों में हड़कंप मच गया था. सदर एसडीओ गौतम कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गयी थी. तीन घंटे तक चली इस छापेमारी में एक-एक कर सभी वार्डों को खंगाला गया था. इस दौरान पुलिस को कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. हालांकि कई आपत्ति जनक सामान बरामद हुए थे. छापेमारी टीम में आधा दर्जन थानों की पुलिस लगायी गयी थी. जेल सूत्रों की मानें, तो हाल के दिनों में देश के कई जगहों से जेल से कई बंदी सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हो गये थे.
जेल में कई कुख्यात कैदियों के अलावा नक्सली भी बंद हैं. बक्सर जेल सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. गुरुवार को जेल अधीक्षक और जेल के कई अधिकारियों के नेतृत्व में सभी कैदियों के वार्डों के अलावा उनके निजी सामान की भी तलाशी ली गयी थी. बक्सर सेंट्रल जेल में कई कुख्यात बंदी बंद हैं. इस संबंध में एसडीओ गौतम कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गयी थी. सभी वार्डों को एक-एक कर खंगाला गया था. साथ ही कुख्यात बंदियों की तलाशी ली गयी, लेकिन किसी के पास कुछ नहीं मिला.
जेल प्रशासन को कैदियों के भागने से ठीक 24 घंटे पहले कुछ आपत्तिजनक इनपुट मिले थे. जिसके बाद जिलाधिकारी रमण कुमार के आदेश पर बक्सर सेंट्रल जेल में पुलिस ने गुरुवार को जेल में छापेमारी की. अचानक हुई छापेमारी से जेल प्रशासन और बंदियों में हड़कंप मच गया था. सदर एसडीओ गौतम कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गयी थी. तीन घंटे तक चली इस छापेमारी में एक-एक कर सभी वार्डों को खंगाला गया था. इस दौरान पुलिस को कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. हालांकि कई आपत्ति जनक सामान बरामद हुए थे. छापेमारी टीम में आधा दर्जन थानों की पुलिस लगायी गयी थी. जेल सूत्रों की मानें, तो हाल के दिनों में देश के कई जगहों से जेल से कई बंदी सुरक्षा में सेंध लगाकर फरार हो गये थे.
जेल में कई कुख्यात कैदियों के अलावा नक्सली भी बंद हैं. बक्सर जेल सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. गुरुवार को जेल अधीक्षक और जेल के कई अधिकारियों के नेतृत्व में सभी कैदियों के वार्डों के अलावा उनके निजी सामान की भी तलाशी ली गयी थी. बक्सर सेंट्रल जेल में कई कुख्यात बंदी बंद हैं. इस संबंध में एसडीओ गौतम कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गयी थी. सभी वार्डों को एक-एक कर खंगाला गया था. साथ ही कुख्यात बंदियों की तलाशी ली गयी, लेकिन किसी के पास कुछ नहीं मिला.
सर्वविदित है कि पिछले महीने ही भोपाल की जेल से सिमी के कई आतंकी भाग निकले थे, जो बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. फिर पंजाब की नाभा जेल से खूंखार कई कैदी भाग निकले. इनमें से भी कुछ पकड़े जा चुके हैं.
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