हैकिंग मामले में रूस के पर कार्रवाई कर सकते हैं ओबामा, क्या कदम उठाएगा यह ताकतवर देश?
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा |
अमेरिका के खुफिया समुदाय ने निष्कर्ष निकाला कि डेमोक्रैटिक पार्टी और हिलेरी के सहयोगियों के ईमेल को हैक करके उसकी सूचनाएं सार्वजनिक कर देने का काम ट्रंप को राष्ट्रपति बनाने के लिए किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को हैकिंग के माध्यम से प्रभावित करने की रूस की कोशिशों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में ओबामा प्रशासन इसी सप्ताह घोषणा कर सकता है. इन कदमों में आर्थिक प्रतिबंध, राजनयिक आलोचना और साइबर अभियान जैसी गोपनीय कार्रवाई शामिल हैं.
रुसी राष्ट्रपति पुतिन |
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक रूसी दुष्प्रचार अभियान से जुड़े जिन लोगों ने हिलेरी के प्रचार अभियान को निशाना बनाया था, उनके नाम भी ओबामा प्रशासन उजागर कर सकता है. कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने भी अमेरिकी चुनाव में रूसी दखल पर अमेरिका की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया किए जाने की अपील की थी.
अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन की शह पर एक जासूसी एजेंसी ने इस काम को अंजाम दिया. राष्ट्रपति ओबामा पहले ही कह चुके हैं कि वह हैकिंग की जांच कराएंगे. जनवरी में इसकी रिपोर्ट आ सकती है. अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि प्रशासन को इससे जुड़ी सारी जानकारी बाहर लाने के लिए सारे प्रयास करने चाहिए. व्हाइट हाउस इस तरह के उपाय करने जा रहा है कि आने वाला प्रशासन उन्हें खारिज न कर पाए. हालांकि, ट्रंप हैकिंग में रूस के शामिल होने की बात से साफ इंकार कर चुके हैं.
उधर, रूस का कहना है कि अमेरिका का ऐसा कदम उसे भड़काने वाला समझा जाएगा और फिर अमेरिका को इसकी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा. इन प्रतिबंधों के तहत रूस उन व्यक्तियों का नाम भी सार्वजनिक करेगा जो हैकिंग में शामिल थे और सरकार के साथ काफी करीब होकर काम कर रहे थे. रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि अगर अमेरिका इस तरह के कदम उठाता है तो फिर अमेरिका में रूस के दूतावास की ओर से इसका जवाब दिया जाएगा.
रूस में अमेरिकी डिप्लोमैट्स को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. सीएनएन की ओर से बताया गया है कि अमेरिकी कार्रवाई के तहत प्रतिबंधों को बढ़ाया जा सकता है और डिप्लोमैटिक कदम उठाए जा सकते हैं. अक्टूबर में अमेरिका ने औपचारिक तौर पर रूस पर राजनीतिक हैकिंग का आरोप लगाया था. अमेरिका ने कहा था कि रूस राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. उस समय रूस ने अमेरिका के इन आरोपों को बकवास करार दिया था.
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