भाजपा को मिल सकता है इस पासी नेता का साथ
आरके चौधरी: फोटो साभार |
पूरी उम्मीद है कि वे एक-दो दिन में भगवाधारी होंगे. पार्टी उन्हें लखनऊ के मोहनलालगंज से टिकट भी दे सकती है. अभी यह तय होना शेष है कि वे गठबंधन कर रहे हैं या फिर अपनी पार्टी का विलय. जो भी उनकी सिफारिश पर एक-दो और टिकट भाजपा दे सकती है.
माना जाता है कि आरके चौधरी पासी समुदाय के बड़े नेता हैं. लखनऊ और आसपास के करीब दर्जन भर जिलों में इनका प्रभाव अच्छा है क्योंकि लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली सरीखे जिलों में इस जाति की तादात अच्छी है. बसपा और कांशीराम के साथ रहते चौधरी ने अच्छी पैठ बनाई थी.
शुक्रवार को बीजेपी तीसरे और चौथे चरण के लिए सीटों का ऐलान करेगी और उम्मीद जताई जा रही है की अगर समझौता हो गया तो बीजेपी मोहनलालगंज और सीतापुर की एक सीट छोड़ देगी. बता दें की नितीश कुमार इन्ही दलों को मिलाकर महागठबंधन बनाने कि फिराक़ में थे जिसमें आरके चौधरी की बड़ी भूमिका होती लेकिन जेडीयू, यूपी में कोई भूमिका नहीं निभा पाई ऐसे में पासी समुदाय का ये नेता बीजेपी के लिए बड़ा कैच साबित हो सकता है.
माना जाता है कि आरके चौधरी पासी समुदाय के बड़े नेता हैं. लखनऊ और आसपास के करीब दर्जन भर जिलों में इनका प्रभाव अच्छा है क्योंकि लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली सरीखे जिलों में इस जाति की तादात अच्छी है. बसपा और कांशीराम के साथ रहते चौधरी ने अच्छी पैठ बनाई थी.
शुक्रवार को बीजेपी तीसरे और चौथे चरण के लिए सीटों का ऐलान करेगी और उम्मीद जताई जा रही है की अगर समझौता हो गया तो बीजेपी मोहनलालगंज और सीतापुर की एक सीट छोड़ देगी. बता दें की नितीश कुमार इन्ही दलों को मिलाकर महागठबंधन बनाने कि फिराक़ में थे जिसमें आरके चौधरी की बड़ी भूमिका होती लेकिन जेडीयू, यूपी में कोई भूमिका नहीं निभा पाई ऐसे में पासी समुदाय का ये नेता बीजेपी के लिए बड़ा कैच साबित हो सकता है.
पेशे से वकील आरके चौधरी फ़ैजाबाद के मूल निवासी हैं और कांशीराम के करीबी रहे हैं. वे बसपा सरकार में प्रभावशाली मंत्री के रूप में थे. बाद में मायावती से मतभेद के बाद उन्होंने नया दल बनाया. फिर बसपा में पहुँच गए. अब भाजपा में जाने वाले हैं.
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