अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत में किन मुद्दों पर बनी सहमति ? जानिए


नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात फोन पर पीएम मोदी से बातचीत में आतंकवाद समेत कई अन्य मुद्दों पर भारत-अमेरिका के एक साथ खड़े होने का संकल्प दोहराया. ट्रंप ने भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त और पार्टनर बताया. डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया तो पीएम मोदी ने भी ट्रंप को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया.
ओबामा प्रशासन के साथ भी भारत के रिश्ते हमेशा प्रगाढ़ रहे और ट्रंप की जीत के बाद पीएम मोदी ने अपने बधाई संदेश में साफ कर दिया था कि नए अमेरिकी निजाम के साथ भी भारत मिलकर काम करने को लेकर काफी आशान्वित है. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को अपने यहां यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया. पीएम मोदी दुनिया के ऐसे पांचवें नेता हैं, जिनसे ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद बात की है. इससे पहले ट्रंप ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, मैक्सिको के पीएम पेना नीटो, इस्राइल के पीएम बेंजामीन नेतन्याहू और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल सीसी से ट्रंप ने बात की थी.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत का लब्बो-लुआब यह रहा कि दोनों ही नेता आतंकवाद के खात्मे पर एकजुट दिखे. रिश्तों में गर्माहट बरक़रार रखने पर भी चर्चा हुई.
आतंकवाद के खिलाफ जंग: अमेरिका के नए प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत में साफ तौर पर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत-अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं. पीएम मोदी ने बाद में ट्वीट कर कहा कि ये बातचीत काफी गर्मजोशी भरी रही. आने वाले दिनों में दोनों देश मिलकर संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे.
शीर्ष स्तर पर संपर्क बढ़ाना: जानकार ये अंदाजा लगा रहे थे कि सत्ता संभालने के बाद ट्रंप सबसे पहले पुतिन से बात करेंगे. ओबामा प्रशासन के साथ रूस के तल्ख रिश्तों के बावजूद ट्रंप रूसी राष्ट्रपति पुतिन की लगातार प्रशंसा करते रहे हैं. चीन के साथ ट्रंप की तल्खी किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में ट्रंप ने भारतीय पीएम के साथ सबसे पहले बात कर अपनी भविष्य की नीति का साफ संकेत दिया कि टिकाऊ दोस्ती पर उनका फोकस रहेगा.
रक्षा, व्यापार संबंधों पर फोकस: पहली बातचीत में ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा कि अमेरिका भारत के साथ रक्षा, क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार के क्षेत्र में मिलकर काम करने का इच्छुक है. 8 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद नरेंद्र मोदी दुनिया के कुछ चुनिंदा नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने ट्रंप को सबसे पहले जीत की बधाई दी. अपने चुनावी अभियानों में ट्रंप ने भारत, इस्राइल समेत कई देशों के साथ संबंध मजबूत करने पर लगातार जोर दिया. 15 अक्टूबर को अमेरिका में कश्मीर पंडितों और बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए आयोजित एक चैरिटी कार्यक्रम में ट्रंप ने भारत के तेज विकास और पीएम मोदी के सिस्टम में और आर्थिक सुधारों की प्रशंसा की थी. अब ट्रंप के सत्ता में आने और उसके बाद भारत के साथ उनकी पहले से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई ऊर्जा के संचार की उम्मीद जगी है.

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