यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे इस राज्यपाल ने दिया इस्तीफ़ा
मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन: फ़ाइल फोटो साभार |
कर्मचारियों का आरोप है कि राज्यपाल ने राजभवन को यंग लेडीज़ क्लब बना दिया था. राजभवन के कर्मचारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा, “राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा से गंभीर समझौता किया है और इसे यंग लेडीज़ क्लब बना दिया है, ये एक ऐसी जगह बन गयी है जहां लड़कियां राज्यपाल के सीधे आदेश से आती जाती हैं, कई लड़कियों की पहुंच सीधे उनके बेडरूम तक है.” ज़ाहिर है राज्यपाल वी षणमुगनाथन पर ये आरोप बेहद गंभीर हैं.
पांच पन्नों की इस चिट्ठी में कर्मचारियों ने और भी कई बातें लिखी हैं. राजभवन के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नाइट शिफ्ट में दो जनसंपर्क अधिकारी, एक बावर्ची और एक नर्स को नियुक्त किया है और ये सभी महिलाएं हैं. राज्यपाल ने अपने काम के लिए सिर्फ महिलाओं का ही चयन किया, निजी सचिव पुरुष अधिकारी को अपने सचिवालय भेज दिया है. इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए यहां हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया था और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए गए.
पांच पन्नों की इस चिट्ठी में कर्मचारियों ने और भी कई बातें लिखी हैं. राजभवन के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नाइट शिफ्ट में दो जनसंपर्क अधिकारी, एक बावर्ची और एक नर्स को नियुक्त किया है और ये सभी महिलाएं हैं. राज्यपाल ने अपने काम के लिए सिर्फ महिलाओं का ही चयन किया, निजी सचिव पुरुष अधिकारी को अपने सचिवालय भेज दिया है. इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए यहां हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया था और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए गए.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. एक स्थानीय अखबार को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल ने कहा, ”ये सारी बातें सही नहीं हैं, हमने सिर्फ एक उम्मीदवार का चयन किया, जिन लोगों का चयन नहीं हुआ उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.
इससे पहले आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे एनडी तिवारी भी इसी तरह के विवादों में फंसने के बाद कुर्सी गँवा बैठे थे. तब से अब तक उन्हें कांग्रेस ने किनारे ही रखा और उन्होंने हाल ही में भाजपा की शरण ली.
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