संचार क्षेत्र में उपभोक्ताओं की रहेगी बल्ले-बल्ले, आप भी जानिए कैसे ?
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जियो से टक्कर लेने के इरादे से ये समझौते हो रहे हैं. जानकारों का मानना है कि मुकेश अम्बानी की कंपनी जियो ने कदम रखते ही बाजार में कब्ज़ा करना शुरू किया तो सभी टेलीकाम कम्पनियाँ परेशान होने लगीं. सबका व्यापार लगातार गिराने लगा. फिर खबर आई कि वोडाफोन और आईडिया एक साथ होने वाले हैं. उसके बाद यह ताजी खबर यह बताने-जताने के लिए काफी है कि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की बल्ले-बल्ले ही रहने वाली है.
हालांकि, इस सौदे की राशि का खुलासा नहीं किया गया है. भारती एयरटेल ने साफ किया है कहा-उसका टेलीनोर साउथ एशिया इनवेस्टमेंट्स प्रा. लिमिटेड के साथ टेलीनोर (इंडिया) कम्युनिकेशंस प्रा. लिमिटेड के अधिग्रहण का समझौता हुआ है.
टेलीनोर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यह सौदा एक साल में पूरा होने की उम्मीद है. एयरटेल देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है. उसके करीब 29 करोड़ ग्राहक हैं और दूरसंचार क्षेत्र के 33 प्रतिशत बाजार पर उसका कब्जा है.
अधिग्रहण के बाद वह टेलीनोर इंडिया के स्पेक्ट्रम, लाइसेंस, संचालन और कर्मचारियों के साथ ही 4.40 करोड़ ग्राहक भी उसके साथ जुड़ जाएंगे. अधिग्रहण समझौते के मुताबिक टेलिनोर इंडिया के भारत में सात सर्कलों के संचालन पर एयरटेल का कब्जा होगा.
ये सर्कल आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश (पूर्वी), उत्तर प्रदेश (पश्चिमी) और असम हैं. कंपनी ने कहा है कि जब तक सौदा पूरा नहीं होता है तब तक टेलीनोर इंडिया का संचालन और सेवायें सामान्य तरीके से काम करती रहेंगी.
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