अफसर बनना है तो अंग्रेजी-गणित से कर लें प्यार, तुरंत करें ये उपाय
प्रतीकात्मक चित्र: साभार |
कॉलेज के दिनों में
ज्यादातर नौजवान दिन में भी अफसर बनने के सपने देखते हैं. देखना भी चाहिए लेकिन
किसी भी महकमे में अफसर बनने की कुछ निश्चित योग्यताएँ हैं, अहर्ताएं हैं. बिना
उनकी जानकारी के किसी भी परीक्षा में सफल होना बड़ी बाधा है. और बात जब यूपी, बिहार
जैसे राज्यों की हो तो यह और महत्वपूर्ण हो जाता है.
अंग्रेजी और गणित के ज्ञान
के बिना इस बाधा को पार करना सहज नहीं रह जाता. यूपी, बिहार में हिंदी का बोलबाला
है तो प्रायः छात्र-छात्राओं का ध्यान इस ओर कम ही जाता है. जब जाता है, तो काफी
समय निकल चुका होता है. फिर हम या तो हाथ मसलते हैं. या खुद के टीचर्स को दोषी
ठहराते हैं या फिर माता-पिता और स्कूल को. इस अंक में मैं इसी मुद्दे पर आपकी मदद
करने वाला हूँ. आप किस क्लास में हैं? कौन सी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे हैं?
इस बात से कोई मतलब नहीं होना चाहिए. लेकिन अगर आपको अफसर बनना है तो इन दोनों ही
विषयों की जानकारी आपके लिए मददगार साबित होती है या यूँ कहिये कि बिना इसके
मुश्किल बहुत आती है. कई बार तो नाकामयाबी ही हाथ लगती है. फिर हम पश्चाताप करते हैं.
इन दोनों ही विषयों को ठीक
करने के लिए जरुरी है कि एनसीईआरटी की कक्षा एक से लेकर इंटर तक की इन विषयों की
किताबें टुकड़ों में खरीदें और ध्यान लगाकर नए सिरे से पढ़ें. प्रैक्टिस करें. इस
बात को भूल जाएँ कि आपने कौन सी डिग्री हासिल की है या कितने बड़े हैं. एक से
पांचवीं तक की किताबें एक बार में, छठीं से आठवीं तक की अगले स्टेप में, और आगे का
दो किश्तों में. लगभग एक वर्ष का लक्ष्य रखकर यह कोर्स पूरा किया जाना चाहिए. अगर
ईमानदारी और पूरी निष्ठा से आप ऐसा कर पाएंगे तो तय जान लें कि प्रतियोगी
परीक्षाओं की आपकी तमाम बाधाएं दूर हो जाएंगी. चाहे आईएएस का इम्तहान हो, पीसीएस
का हो या बैंक, एसएससी का. अंग्रेजी तो सीधे सामने होती है और गणित कई बार घुमाकर
हमारी मदद करती है.
जब आप इतना कर लेते हैं तो
बहुत सारा काम आसान हो जाता है. अंग्रेजी के लिए आपको एक और काम साथ-साथ करना होगा.
हिन्दू, इंडियन एक्सप्रेस जैसा कोई अखबार इंटरनेट पर पढ़ना शुरू कर दीजिए. नेशनल,
इंटरनेशनल, एडिटोरियल, स्पोर्ट्स आदि पर ध्यान ज्यादा दीजिए. अखबार पढ़ते समय आपको
ध्यान यह भी रखना होगा कि जो भी खबर या लेख पढ़ें उसे बोलकर पढ़ें. जो नए शब्द मिलते
जाएँ उन्हें लिखते भी चलें. आप पाएंगे कि जो अंग्रेजी आपसे दूरी बनाए हुए थी, वह
आपके पीछे-पीछे भागती नजर आएगी. अखबार पढ़ने से आपको केवल अंग्रेजी में लाभ नहीं
मिलेगा, सामान्य ज्ञान भी मजबूत होता रहेगा, जिसकी जरूरत आपको हर इम्तहान में पड़ने
ही वाली है. निबंध मजबूत हो जाएगा, क्योंकि इससे भी कई बार मुलाकात होती है. सिविल
सर्विसेज में तो अनिवार्य रूप से होती है. इस तरह देखते ही देखते आप एक वर्ष में
ही काफी मजबूत हो जाएंगे. दोनों ही कमजोरियाँ आपसे दूर भाग चुकी होंगी और आप
दिल्ली-मुंबई वालों के सामने भी खुद को आसानी से खड़ा देख पाएँगे.फिर जुट जाएँ.
शुभकामनाएँ.
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