बच के रहना रे बाबा...बच के रहना रे, बड़े खतरे हैं इस राह में
दिनेश पाठक |
सर, मैंने बीटेक के लिए 10 हजार देकर एक कॉलेज
में रजिस्ट्रेशन करा लिया है. एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई किया तो बैंक वाले कहते
हैं कि एंट्रेंस टेस्ट के बिना लोन नहीं मिलेगा. मेरी कोई जान-पहचान भी नहीं है.
मुझे बिना रिश्वत दिए लोन चाहिए, जिससे मैं बीटेक कर सकूँ. सर, मेरी क्वालिफिकेशन
में भी कमी नहीं है...यह सवाल एक नौजवान ने पूछा है. इससे मिलते-जुलते सवाल इन
दिनों कुछ ज्यादा ही आ रहे हैं.
संभव है कि ऐसे सवालों से और युवा जूझ रहे हों,
इसलिए इस गंभीर मुद्दे पर बात होनी चाहिए. इन सवालों पर संभव है कि मुंबई, दिल्ली
जैसे शहरों के युवा जागरूक हों. इन पर सवाल उठाएँ. पर, ये सवाल मेरे सामने आए हैं.
इसे मैं तीन हिस्सों में देखता हूँ. पहला कॉलेज में रजिस्ट्रेशन...यह तरीका ही गलत
है. इंजीनियरिंग के लिए अब केन्द्र और राज्यों की अपनी अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएँ
होती हैं. आपको इनमें शामिल हुए बिना प्रवेश लेने से बचना चाहिए. रैंक कम होने पर
भले ही बाद में आप मैनेजमेंट कोटे से अच्छे कॉलेज में प्रवेश ले लें लेकिन प्रवेश
परीक्षा में हिस्सा लिए बिना किसी को एक भी रुपया न दें रजिस्ट्रेशन के नाम पर. अब
जब आप प्रवेश परीक्षा में शामिल हों तो पूरी तैयारी के साथ. क्या पता आप का आईआईटी,
एनआईईटी या राज्यों के सरकारी कॉलेज में प्रवेश लायक अंक मिल जाएँ. ऐसा होगा तो आप
की बल्ले-बल्ले. फीस भी कम और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई की गारंटी भी और जब पढ़ाई अच्छी
होगी तो नौकरी भी बेहतरीन ही मिलेगी, इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए. ध्यान
रहे, जब आपको सरकारी कैम्पस आवंटित होगा तो बैंक दौड़कर लोन भी देंगे. एजुकेशन लों
देते समय बैंक सिर्फ और सिर्फ अपने धन की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं. यह
भरोसा उन्हें कॉलेज की साख से मिल जाता है. जितना बढ़िया कॉलेज, नौकरी के उतने
अच्छे मौके और संभावनाएँ. स्वाभाविक है, जब आप नौकरी पा जाएँगे तो बैंक का लोन
चुकाना आपकी प्राथमिकता होगी.
अब दूसरा पहलू यह है कि अगर आपने आधे-अधूरे मन
से तैयारी की और प्रवेश परीक्षा में बैठ गए, रैंक ठीक नहीं आई तो इस बात की गारंटी
है कि अच्छा कॉलेज आपको नहीं मिलने वाला. यहाँ आपको मैनेजमेंट कोटे की मदद लेनी पड़
सकती है. स्वाभाविक है कि किसी कमजोर अंक पाने वाले बच्चे का प्रवेश प्राइवेट
कॉलेज करेगा तो वह उसका भुगतान भी लेगा, जिसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं होगी. फीस की रकम
अलग से देना होगा. यह और बात है कि जब उस कॉलेज से प्रवेश की गारंटी आपको मिल
जाएगी और बैंक के लिए पत्र मिल जाएगा तो लोन मिलेगा, लेकिन वह रकम आप कहाँ से
लाएँगे, जो आपको नगद देना होगा. क्योंकि बैंक तो उतनी ही रकम आपको देगा, जितना
कॉलेज लिखकर देगा. ऐसे में कड़ी मेहनत, सच्ची मेहनत से दी गई प्रवेश परीक्षा ही
आपको सही रास्ता दिखा सकता है. शार्टकट हमेशा ही नुकसान का सौदा साबित होगा.
अंतिम बात कि मेरी क्वालिफिकेशन में कोई कमी
नहीं है...तो आपके लिए जानना बेहद जरुरी है कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ से
इण्टर पास कोई भी नौजवान इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए अधिकृत
है. केवल केंद्र की प्रवेश परीक्षा में नंबर की बाध्यता है. इसलिए बैंक लोन मिलने
का किसी और क्वालिफिकेशन से कुछ भी लेना-देना नहीं है. उन्हें तो कॉलेज का पत्र
चाहिए. पर, मैनेजमेंट कोटे से जरुर बचिए. इसका इस्तेमाल तभी करें जब आपकी रैंक
किन्हीं कारणों से कम आई हो और आप अच्छे कॉलेज में ही जाना चाहते हों. बिना प्रवेश
परीक्षा में शामिल हुए अगर आप अपनी सीट पक्की करना चाहते हैं तो आप सही नहीं हैं.
क्योंकि आज कॉलेज की कमी नहीं है. ढेरों कॉलेज प्रवेश के लिए छात्रों की तलाश करते
हैं. आपको तमाम ऐसे लोग बाजार में मिल जाएँगे जो प्रवेश का दावा करते हैं और कॉलेज
उन्हें आपकी एक साल तक की फीस वापस कर देता है. क्योंकि आप चार साल के लिए उस
कॉलेज में दाखिल होते हैं तो कॉलेज तो अपनी पूरी वसूली कर ही लेते हैं.
लेखक करियर/पेरेंटिंग/चाइल्ड काउंसलर हैं. आप
इन्हें सीधे कनेक्ट कर सकते हैं.
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