अगर आपकी कहानी कोलकता की पारुल से मिलती है तो ये रहा समाधान
दिनेश पाठक कोलकता से हैं पारुल| इस हफ्ते इन्हीं की चर्चा| उनकी समस्याओं और समाधान की बात| गरज यह कि आप भी पढ़ें और अगर ऐसा लगता है कि पारुल की कहानी आपसे मिलती-जुलती है तो आपके लिए यह एक रास्ता भी हो सकता है| पारुल विज्ञानं की स्टूडेंट हैं| उनके पास पोस्ट ग्रेजुएशन की दो डिग्री है| उन्होंने कम्प्यूटर सेंटर खोला, नहीं चला| कुछ इम्तहान दिए, सफलता नहीं मिली| शादी-शुदा पारुल को लगता है कि उन्होंने पति का पैसा खराब कर दिया| अब वे हर हाल में सब भरपाई करने के इरादे से केन्द्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का मन बना चुकी हैं| किताबें खरीद कर घर आ चुकी हैं| लेकिन पारुल फिर से दोराहे पर खड़ी हैं| पूछती है कि यह मेरे लिए अच्छा है या बुरा, मैं समझ नहीं पा रही हूँ| पारुल को हर हाल में एक अदद सरकारी नौकरी चाहिए, जिससे वे परिवार की मदद भी कर सकें और अपना खोया हुआ आत्मविश्वास भी वापस पा सकें| अपनी समस्या पारुल ने मुझे व्हाट्सएप पर लिखी है| उनकी टाइम लाइन बताती है कि पारुल मेहनत भी कर रही हैं क्योंकि देर रात तक जागकर पढ़ाई करना उनकी आदत में शुमार है| मैंने पारुल से यही कहा कि आप काबिल हैं| पढ़ा...