हे प्रभु, केवल एक पुख्ता सीट दिला दो
हे प्रभु, आप ने एक और रेल बजट पेश कर दिया. बहुत सारी बातों, घोषणाओं के बीच सत्ता पक्ष ने तालियाँ बजाकर आप का उत्साह बढ़ाया तो आदतानुसार विपक्ष ने आप के बजट की बुराई की. मुझे आप के बजट की बहुत सारी बातें समझ भी नहीं आईं. मैं ठहरा आम आदमी. आप तो कुछ ऐसी व्यवस्था करो कि हमें यात्रा करने के लिए दो-तीन महीने पहले तैयारी न करनी पड़े. प्रतीकात्मक चित्र (साभार ) आप तो जानते हैं, इतने पहले तैयारी करने के खतरे बहुत हैं. घर-परिवार वाला हूँ. यात्रा के दिन ही किसी बच्चे की तबीयत ख़राब हो जाये, मेरी ही ख़राब हो जाये, ऐसे में अब बहुत नुकसान होता है. पहले टिकट कटाना अब खतरे से खाली नहीं है. पूँजी डूबने की आशंका ज्यादा है. मेरी तो आप के महकमे से सिर्फ इतनी ख्वाहिश है कि मुझे यात्रा के समय पुख्ता टिकट मिल जाय. क्योंकि आजकल पुख्ता रेल टिकट पाना कोई छोटी-मोटी बात नहीं. मेरे मोहल्ले में एक नेता जी हैं. उनके यहाँ रोज सुबह कई लोग पहुँच जाते हैं क्योंकि वे जरूरतमंद की रेल में सीट पुख्ता करा देते हैं. और फिर वे खुद और उनके घर-परिवार, रिश्तेदार भी उनके इस गुण के कायल हैं. मोहल्ले में काफी लोकप्रिय हैं वे. क्य...